Powered By Blogger

Friday, 13 April 2012

life

अनुभव मिले तो आचरण आता है, लेकिन आचरण बना लेने से अनुभव नहीं आता। अनुभव हो भीतर तो आचरण बदलता है, रूपांतअनुभव मिले तो आचरण आता है, लेकिन आचरण बना लेने से अनुभव नहीं आता। अनुभव हो भीतर तो आचरण बदलता है, रूपांतरित होता है। लेकिन आचरण को कोई बदल ले तो अभिनय से ज्यादा नहीं हो पाता..

No comments:

Post a Comment